देहरादून। सचिव, ग्राम्य विकास धीराज गर्ब्याल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका विकास से संबंधित स्वरोजगार एवं रोजगारपरक योजनाओं की समुचित जानकारी आम जनमानस तक पहुँचाने के उद्देश्य से सभी जनपदों के प्रत्येक विकासखण्ड में एकदिवसीय कार्यशाला/विकास गोष्ठी का आयोजन किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये।
उक्त आयोजन के तहत स्वयं सहायता समूह, लखपति दीदी तथा उद्यमशीलता हेतु विचार गोष्ठी/कार्यशाला के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग के साथ-साथ कौशल विकास, कृषि, उद्योग, पर्यटन, सिंचाई आदि विभिन्न रेखीय विभागों द्वारा संचालित आजीविका एवं रोजगार से जुड़े कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी आमजनमानस तक पहुँचायी जायेगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के पात्र लाभार्थियों तक सरकार की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराया जा सके।
कार्यशाला के दौरान योजनाओं की व्यापक जानकारी, उनके लाभ, पात्रता मानदण्ड तथा सफल लाभार्थियों की प्रेरक कहानियों को साझा किया जायेगा। इसमें स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ-साथ लखपति दीदी तथा उद्यमशीलता से जुड़े अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को अधिकाधिक रूप से सम्मिलित किया जायेगा।
इन कार्यक्रमों में ग्रामीण विकास विभाग के जनपद स्तरीय टीम के साथ संबंधित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य रेखीय विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जायेगी। सभी कार्यशालाएँ सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित की जायेंगी, जिससे कार्यक्रमों की प्रभावशीलता एवं प्रशासनिक मार्गदर्शन एवं प्रभावी समन्वय सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण विकास विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी भी आवश्यकतानुसार इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे।
साथ ही, प्रत्येक जनपद द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप आजीविका आधारित स्वरोजगार गतिविधियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किये जाने के निर्देश भी दिये गये हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के स्थायी अवसर सृजित हो सकें। श्री गर्ब्याल द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक आयोजित की जाने वाली कार्यशाला का समुचित प्रचार-प्रसार किया जाये, जिससे अधिकाधिक ग्रामीणों तक जानकारी पहुँचे एवं उनका सक्रिय सहभाग सुनिश्चित हो सके।
श्री गर्ब्याल द्वारा यह भी अपील की गयी है कि सभी जनपदों द्वारा आयोजित होने वाली कार्यशालाओं/कार्यक्रमों का सतत अनुश्रवण किया जाये एवं राज्य सरकार के लक्ष्यों के अनुरूप कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन एवं समग्र विकास को गति मिल सके।



