- मस्जिद पर पथराव करने वालों पर सख़्त कार्रवाई की उठाई मांग
- आईजी क़ानून व्यवस्था को सौंपा ज्ञापन, सीसीटीवी के आधार पर कार्यवाही का मिला भरोसा
देहरादून। नैनीताल में विगत रात को हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटना ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में एक समुदाय की उग्र भीड़ ने शहर की शांति भंग करते हुए मुस्लिम समाज को निशाना बनाया। पथराव, दुकानों में तोड़फोड़, और जामा मस्जिद को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ कई मुस्लिम युवाओं के साथ मारपीट और पुलिसकर्मियों से झड़प की घटनाएँ सामने आई हैं।
उत्तराखंड जमीअत उलेमा-ए-हिंद ने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए आईंजी क़ानून व्यवस्था को पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने गिरफ्तार अभियुक्त को सख्त सज़ा देने और हिंसक भीड़ में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। संगठन ने कहा कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पत्र में अपील की गई है कि नैनीताल प्रशासन शांति व्यवस्था बहाल करे और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वालों पर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
नीलेश आनंद भारने आईंजी क़ानून व्यवस्था ने कहा कि सीसीटीवी के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। माहौल बिगाड़ने वालों की चिन्हित किया जा रहा हैं। मौके पर पुलिस और पीएसी तैनात है। हालात काबू में हैं।
इस मौके जमीअत उलेमा-ए-हिंद उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष व देहरादून के शहर क़ाज़ी मौलाना मोहम्मद अहमद क़ासमी, प्रदेश सचिव खुर्शीद अहमद सिद्दीकी़, तंजीम रहनुमा-ए-मिल्लत के राष्ट्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन, जमीअत के जिला अध्यक्ष मौलाना अब्दुल मन्नान कासमी, मौहम्मद शाह नज़र, नगर अध्यक्ष मुफ्ती मुहम्मद अयाज़ अहमद, मौलाना मोहम्मद रागिब मजाहिरी, मौलाना मोहम्मद मेहताब क़ासमी, मौलाना मोहम्मद आमिर क़ासमी, मास्टर अब्दुल सत्तार, मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी, उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी, तौसीफ खान, मौलाना नाजिम क़ासमी, कारी नईम, कारी शाहवेज, मौलाना अब्दुल वाजिद, क़मर खान ताबी व कारी फरहान मलिक आदि मौजूद रहे।