बड़ी कम्पनियों को जमीने देने के लिये उजाडे़ जा रहे गरीबः ममगांई
देहरादून। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन की और से गरीबों और फुटपाथ व्यवसायियों को उजाड़ने के खिलाफ 16 मई जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देगी। मंगलवार को हुई पार्टी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक कि अध्यक्षता कॉमरेड शम्भू प्रसाद ममगांई ने कि।
बैठक में वक्ताओं ने कहा है कि जून 2024 में राज्य सरकार की और से 2018 में लाए गए अध्यादेश कि समयावधि भी ख़त्म हो रहि है, जिसके बाद किसी भी बस्ती को कभी भी उजाड़ने का अधिकार प्रशासन को मिल जाएगा। वक्ताओं ने कहा राज्य की भाजपा सरकार खामोश है, हाईकोर्ट में पैरवी करने के बजाय सरकार कहीं न कहीं बड़ी-बड़ी कम्पनियों को मदद कर रही है, असली मंशा है कि सरकार मलिन बस्तियों के लोगों को बेदखल कर खाली हुई जगह को इन बड़ी-बड़ी कम्पनियों को सौंपने की तैयारी में है ।
वक्ताओं ने कहा 2016 में ही मलिन बस्तियों का नियमितीकरण और पुनर्वास के लिए कानून बना था। सत्ताधारी नेताओं ने चुनाव लड़ते समय आश्वासन दिया था कि मालिकाना हक़ देंगे। बड़ा जन आंदोलन होने के बाद 2018 में अध्यादेश लाकर सरकार ने अध्यादेश की धारा 4 में ही लिख दिया कि तीन साल के अंदर बस्तियों का नियमितीकरण या पुनर्वास होगा जबकि वह कानून जून 2024 में खत्म होने वाला है। आज तक किसी भी बस्ती में मालिकाना हक़ नहीं मिला है और इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है।
पार्टी बैठक में जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त, पछवादून सचिव कमरूद्दीन, सचिव मण्डल सदस्य लेखराज, किशन गुनियाल, माला गुरूंग, हिमान्शु चौहान, विजय भट्ट, रविन्द्र नौडियाल, राम सिंह भण्डारी, विनोद कुमार, इन्द्रेश नौटियाल, शैलेन्द्र परमार, राजेन्द्र शर्मा, एजाज, प्रभा व राजाराम पाल आदि ने विचार व्यक्त किए।