- भूमिधर अधिकार दिलाए जाने के लिये 1 फरवरी को एक घंटे का मौन व्रत रखेंगे हरदा
- राष्ट्र के आह्वान पर अपना सब कुछ कुर्बान करने वालों की तीसरी पीढ़ी मारी-मारी फिर रही
देहरादून। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि टिहरी वासियों ने राष्ट्र की प्रगति और भारत-रूस मैत्री का प्रतीक टिहरी डैम के लिये बहुत कुर्बानी दी है, मगर आज वह अपनी समस्याओं को लेकर दर-दर की ठोकरे खाने को विवश हैं।
सोमवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए हरीश रावत ने कहा कि वहां के लोगों ने राष्ट्र के आह्वान पर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, लेकिन आज भी टिहरी विस्थापितों की तीसरी पीढ़ी मारी-मारी फिर रही है। उन्होंने कहा कि जहां स्थापित बसे हैं, वहां उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन विस्थापितों में सबसे चिंताजनक स्थिति हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के भाग 1, 2, 3, 4 में बसे लोगों की है। उन्होंने पथरी क्षेत्र में बसे टिहरी विस्थापितों को भूमिधर अधिकार दिलाए जाने की मांग उठाई है।
कांग्रेस भवन देहरादून में #पत्रकार साथियों से बातचीत..!!https://t.co/6cetPXHtZW pic.twitter.com/O6gpaURmVy
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) January 29, 2024
हरीश रावत ने कहा कि 2016 में तत्कालीन सरकार ने उन्हें मालिकाना हक दिए जाने के निर्देश जारी किए थे। इसके लिए पत्रावली तैयार करवाई गई थी, मगर सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गई। हरीश रावत ने वन विभाग की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण और उसके निष्कर्ष को वापस लिए जाने की भी मांग उठाई है।
उन्होंने कहा कि वन विभाग की ओर से कराए गए तथाकथित सर्वेक्षण में टिहरी विस्थापितों के पास आवंटित 912 एकड़ भूमि की जगह 968 एकड़ भूमि पर कब्जेधारी बताए जाने के बाद सारे मामले को उलझाया गया, ऐसे में 23 हेक्टेयर भूमि को लेकर सारी भूमिधर प्रक्रिया को उलझाया जा रहा है, जो निंदनीय है।
हरीश रावत ने टिहरी विस्थापितों से हुए वादों का टोटल रिव्यू किए जाने की मांग की है। इसके लिए टीएचटीसी, पुनर्वास निदेशालय और कैबिनेट की संयुक्त कमेटी गठित किए जाने की मांग उठाई। हरीश रावत का कहना है कि पथरी क्षेत्र भाग 1, 2, 3, 4 में बसे लोगों को भूमिधर अधिकार दिलाए जाने के लिए सरकार को तत्काल मंत्रिमंडल की बैठक बुलानी चाहिए। इस प्रकरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 1 फरवरी को दोपहर 12 बजे से एक घंटे का मौन व्रत रखने का निर्णय लिया है।