Home Uttarakhand Dehradun आईटी पार्क भूमि आवंटन में 4000 करोड़ के घोटाले के संकेत

आईटी पार्क भूमि आवंटन में 4000 करोड़ के घोटाले के संकेत

आईटी पार्क भूमि आवंटन में 4000 करोड़ के घोटाले के संकेत

देहरादून। उत्तराखंड के सबसे बड़े आईटी पार्क सहस्रधारा रोड देहरादून स्थित 98.5 एकड़ की सरकारी भूमि, जिसका मौजूदा बाजार मूल्य करीब 4,000 करोड़ रुपये आंका जा रहा है, उसके आवंटन में गंभीर अनियमितताओं और संभावित बड़े घोटाले के संकेत लगातार सामने आ रहे हैं। इसी मुद्दे पर गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता अभिनव थापर ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों सहित प्रेस वार्ता की और सिडकुल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।

अभिनव थापर ने बताया कि वर्ष 2023 में उन्होंने सिडकुल से आरटीआई के माध्यम से आईटी पार्क भूमि आवंटन से संबंधित सभी फाइलें, नोटशीट और स्वीकृति आदेश मांगे थे, लेकिन दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी न तो सूचना प्रदान की गई और न ही किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई की गई।

23 अप्रैल 2024 को फर्स्ट अपील में स्पष्ट निर्देश था कि यदि पत्रावली उपलब्ध नहीं है तो विधिक कार्रवाई की जाए, फिर भी सिडकुल ने 30 मई 2024 और 31 मई 2025 को लिखित रूप से बताया कि आईटी पार्क आवंटन से जुड़ी फाइल कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। फाइलें न मिलने पर थापर ने मुख्य सूचना आयुक्त के समक्ष सेकंड अपील दायर की।

सुनवाई में पता चला कि सिडकुल ने दो साल तक चयन प्रक्रिया की फाइल को ‘उपलब्ध नहीं’ दिखाया था। 5 अगस्त 2025 को मुख्य सूचना आयुक्त ने फाइल गायब होने पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। लेकिन आश्चर्य यह कि फ़ाइल उसी के बाद अचानक मिल गई। 16 सितंबर 2025 के आदेश में आयोग ने थापर को सभी दस्तावेज निःशुल्क उपलब्ध कराने को कहा था, मगर अब तक आदेश लागू नहीं हुआ। प्रेस वार्ता में कर्नल रामरतन नेगी, कोमल वोहरा, शीशपाल बिष्ट, मोहन काला एवं अरुण बलूनी आदि उपस्थित रहे।

अभिनव थापर ने कहा कि 4,000 करोड़ की यह भूमि देहरादून की अनमोल सरकारी संपत्ति है। इसके आवंटन में भारी अनियमितताएं, कुछ कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने और फाइलों को लंबे समय तक दबाए रखने के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि यह जनता की संपत्ति है जिसे गलत तरीके से बांटने और पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। यह प्रदेश के संसाधनों की खुली लूट है।